Tuesday 18 September 2018
Thursday 13 September 2018
About Bhavnagar / Gujarat / Saurashtra
Marathas Chiefs after Shivaji went all around India looting and plundering small states, where Rajput chiefs and Kings turned the Maratha tide back and protected their states...
जय राजपुताना
In A.D. 1722 the Maratha freebooters under Kanta Kadam Bande and Pila Gaekwad, made their first foray into Saurashtra (Gujrat). Unfortunately for them, they selected the strong fort of Sihor to attack, and though they made determined onslaughts, they were every time driven back, and finally desisted. Sihor was then under the Chieftanship of the Gohil Sardar, Bhavsinhji who would later go on to build the city of Bhavnagar.
जय राजपुताना
In A.D. 1722 the Maratha freebooters under Kanta Kadam Bande and Pila Gaekwad, made their first foray into Saurashtra (Gujrat). Unfortunately for them, they selected the strong fort of Sihor to attack, and though they made determined onslaughts, they were every time driven back, and finally desisted. Sihor was then under the Chieftanship of the Gohil Sardar, Bhavsinhji who would later go on to build the city of Bhavnagar.
Wednesday 12 September 2018
Sunday 9 September 2018
About Kshatriya
History about Kshatriya.... #KshatraDharm
हम क्षत्रियों को (राजपूतों) को राज धर्म सिखाने वालों जरा ये भी पढ़ लीजिये...
क्षत्रियों ने जब जब कोई और धर्म अपनाया ईमानदारी से अपनाया और निभाया है
तब दुनिया भी देखती रह गयी है
ब्राह्मण ...
जब एक क्षत्रिय ब्राह्मण बना तो जो पद ब्राह्मण भी प्राप्त न कर सके वो उन्होंने प्राप्त किया
और वो थे "विश्वामित्र जिन्होंने ब्रह्मऋषि का पद प्राप्त किया"
वैश्य ....
जब एक क्षत्रिय ने वैश्य धर्म अपनाया तो देवता भी देखते रह गए थे .....
वो थे.... "राजा शिवि जिन्होंने एक कबूतर को शरण दी और उसके बदले में अपना शरीर तक तराजू पर तोल दिया था" बाज का भोजन बनने के लिए ..
शूद्र ....
जब एक क्षत्रिय नें शूद्र धर्म निभाया तो शूद्र भी अपना धर्म भूल गए ..
वो थे---- "राजा हरिश्चंद्र वो जब चांडाल बने तो अपने बेटे का अंतिम संस्कार भी बिना दान के न होने दिया"
हम क्षत्रिय (राजपूत) किसी जाति का विरोध नहीं करते पर जब ऊँगली हम पर उठेगी तो हम हाथ काट देना/या सिर कटा देना पसंद करते हैं और यह हम नहीं हमारा इतिहास बोलता है ।
अतः हमें किसी काले कानून का भय मत दिखाओ....न किसी पर अन्याय करेंगे...न ही अपने ऊपर अन्याय सहेंगे ।।
🚩जय माँ भवानी🚩
🚩जय राजपुताना 🚩
सुप्रभात मित्रो..जय जय श्री राम..
#NSB
Internetography:
Nageshwar Singh Waghel....
हम क्षत्रियों को (राजपूतों) को राज धर्म सिखाने वालों जरा ये भी पढ़ लीजिये...
क्षत्रियों ने जब जब कोई और धर्म अपनाया ईमानदारी से अपनाया और निभाया है
तब दुनिया भी देखती रह गयी है
ब्राह्मण ...
जब एक क्षत्रिय ब्राह्मण बना तो जो पद ब्राह्मण भी प्राप्त न कर सके वो उन्होंने प्राप्त किया
और वो थे "विश्वामित्र जिन्होंने ब्रह्मऋषि का पद प्राप्त किया"
वैश्य ....
जब एक क्षत्रिय ने वैश्य धर्म अपनाया तो देवता भी देखते रह गए थे .....
वो थे.... "राजा शिवि जिन्होंने एक कबूतर को शरण दी और उसके बदले में अपना शरीर तक तराजू पर तोल दिया था" बाज का भोजन बनने के लिए ..
शूद्र ....
जब एक क्षत्रिय नें शूद्र धर्म निभाया तो शूद्र भी अपना धर्म भूल गए ..
वो थे---- "राजा हरिश्चंद्र वो जब चांडाल बने तो अपने बेटे का अंतिम संस्कार भी बिना दान के न होने दिया"
हम क्षत्रिय (राजपूत) किसी जाति का विरोध नहीं करते पर जब ऊँगली हम पर उठेगी तो हम हाथ काट देना/या सिर कटा देना पसंद करते हैं और यह हम नहीं हमारा इतिहास बोलता है ।
अतः हमें किसी काले कानून का भय मत दिखाओ....न किसी पर अन्याय करेंगे...न ही अपने ऊपर अन्याय सहेंगे ।।
🚩जय माँ भवानी🚩
🚩जय राजपुताना 🚩
सुप्रभात मित्रो..जय जय श्री राम..
#NSB
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Nageshwar Singh Waghel....
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