Sunday 9 September 2018

About Kshatriya

History about Kshatriya.... #KshatraDharm

हम क्षत्रियों को (राजपूतों) को राज धर्म सिखाने वालों जरा ये भी पढ़ लीजिये...

क्षत्रियों ने जब जब कोई और धर्म अपनाया ईमानदारी से अपनाया और निभाया है
तब दुनिया भी देखती रह गयी है

 ब्राह्मण ...

जब एक क्षत्रिय ब्राह्मण बना तो जो पद ब्राह्मण भी प्राप्त न कर सके वो उन्होंने प्राप्त किया
और वो थे "विश्वामित्र जिन्होंने ब्रह्मऋषि का पद प्राप्त किया"

वैश्य ....

जब एक क्षत्रिय ने वैश्य धर्म अपनाया तो देवता भी देखते रह गए थे .....
वो थे.... "राजा शिवि जिन्होंने एक कबूतर  को शरण दी और उसके बदले में अपना शरीर तक तराजू पर तोल दिया था" बाज का भोजन बनने के लिए ..

शूद्र ....

जब एक  क्षत्रिय नें शूद्र धर्म निभाया तो शूद्र भी अपना धर्म भूल गए ..
वो थे---- "राजा हरिश्चंद्र वो जब चांडाल बने तो अपने बेटे का अंतिम संस्कार भी बिना दान के न होने दिया"

हम  क्षत्रिय (राजपूत) किसी जाति का विरोध नहीं करते पर जब ऊँगली हम पर उठेगी तो हम हाथ काट देना/या सिर कटा देना पसंद करते हैं और यह हम नहीं हमारा इतिहास बोलता है ।
अतः हमें किसी काले कानून का भय मत दिखाओ....न किसी पर अन्याय करेंगे...न ही अपने ऊपर अन्याय सहेंगे ।।
 🚩जय माँ भवानी🚩
 🚩जय राजपुताना 🚩
सुप्रभात मित्रो..जय जय श्री राम..
#NSB



Internetography:
Nageshwar Singh Waghel....

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