लक्ष्मणवंशी प्रतिहार राजपूतों का परिचय
वर्ण – क्षत्रिय
राजवंश – प्रतिहार वंश
वंश – सूर्यवंशी
गोत्र – कौशिक/कश्यप/भारद्वाज (इनके जगह भाट, रायजी ज्यादा बेहतर बता पाएंगे)
वेद – यजुर्वेद
उपवेद – धनुर्वेद
गुरु – वशिष्ठ
कुलदेव – विष्णु भगवान
कुलदेवी – चामुण्डा देवी, गाजन माता
नदी – सरस्वती
तीर्थ – पुष्कर राज ( राजस्थान )
मंत्र – गायत्री
झंडा – केसरिया
निशान – लाल सूर्य
पशु – वाराह
नगाड़ा – रणजीत
अश्व – सरजीव
पूजन – खंड पूजन दशहरा
आदि गद्दी – माण्डव्य पुरम ( मण्डौर )
ज्येष्ठ गद्दी – बरमै राज्य नागौद
भारत मे प्रतिहार/परिहार राजपूतों की रियासत जो 1950 तक काबिज रही
नागौद रियासत – मध्यप्रदेश
अलीपुरा रियासत – मध्यप्रदेश
खनेती रियासत – हिमांचल प्रदेश
कुमारसैन रियासत – हिमांचल प्रदेश
मियागम स्टेट – गुजरात
उमेटा रियासत – गुजरात
एकलबारा रियासत – गुजरात
मुजपुर रियासत – गुजरात
प्रतिहार/परिहार वंश की वर्तमान स्थिति
भले ही यह विशाल प्रतिहार राजपूत साम्राज्य 15 वीं शताब्दी के बाद में छोटे छोटे राज्यों में सिमट कर बिखर हो गया हो लेकिन इस वंश के वंशज राजपूत आज भी इसी साम्राज्य की परिधि में मिलते हैँ।
आजादी के पहले भारत मे प्रतिहार राजपूतों के कई राज्य थे। जहां आज भी ये अच्छी संख्या में है।
मण्डौर, राजस्थान
जालौर, राजस्थान
माउंट आबू, राजस्थान
पाली, राजस्थान
बेलासर, राजस्थान
चुरु , राजस्थान
कन्नौज, उतर प्रदेश
हमीरपुर उत्तर प्रदेश
प्रतापगढ, उत्तर प्रदेश
झगरपुर, उत्तर प्रदेश
उरई, उत्तर प्रदेश
जालौन, उत्तर प्रदेश
इटावा , उत्तर प्रदेश
कानपुर, उत्तर प्रदेश
उन्नाव, उतर प्रदेश
उज्जैन, मध्य प्रदेश
चंदेरी, मध्य प्रदेश
ग्वालियर, मध्य प्रदेश
जिगनी, मध्य प्रदेश
झांसी, मध्य प्रदेश
अलीपुरा, मध्य प्रदेश
नागौद, मध्य प्रदेश
उचेहरा, मध्य प्रदेश
दमोह, मध्य प्रदेश
सिंगोरगढ़, मध्य प्रदेश
एकलबारा, गुजरात
मियागाम, गुजरात
कर्जन, गुजरात
काठियावाड़, गुजरात
उमेटा, गुजरात
दुधरेज, गुजरात
खनेती, हिमाचल प्रदेश
कुमहारसेन, हिमाचल प्रदेश
जम्मू , जम्मू कश्मीर
भाइयोंआइए अब जानते है प्रतिहार/परिहार वंश की शाखाओं के बारे में
भारत में परिहारों की 30 शाखा है। जो अभी तक की मेरी जानकारी मे है जिसमे इन शाखाओं की भी कई उप शाखाएँ है। जिससे आज प्रतिहार/परिहार वंश पूरे भारत वर्ष में फैल गये। भारत मे प्रतिहार क्षत्रिय राजपूत लगभग 3 हजार गांवो से भी ज्यादा जगह में निवास करते है।
प्रतिहार/परिहार क्षत्रिय राजपूत वंश की शाखाएँ
(1) डाभी प्रतिहार
(2) बडगुजर प्रतिहार (राघव)
(3) मडाड प्रतिहार और खडाड प्रतिहार
(4) इंदा प्रतिहार
(5) लल्लुरा / लूलावत प्रतिहार
(6) सूरा प्रतिहार
(7) रामेटा / रामावत प्रतिहार
(8) बुद्धखेलिया प्रतिहार
(9) खुखर प्रतिहार
(10) सोधया प्रतिहार
(11) चंद्र प्रतिहार
(13) माहप प्रतिहार
(14) धांधिल प्रतिहार
(15) सिंधुका प्रतिहार
(16) डोरणा प्रतिहार
(17) सुवराण प्रतिहार
(18) कलाहँस प्रतिहार
(19) देवल प्रतिहार
(20) खरल प्रतिहार
(21) चौनिया प्रतिहार
(22) झांगरा प्रतिहार
(23) बोथा प्रतिहार
(24) चोहिल प्रतिहार
(25) फलू प्रतिहार
(26) धांधिया प्रतिहार
(27) खखढ प्रतिहार
(28) सीधकां प्रतिहार
(29) कमाष / जेठवा प्रतिहार
(30) तखी प्रतिहार
ये सभी परिहार राजाओं अथवा परिहार ठाकुरों के नाम से बनी है। आइए अब जानते है प्रतिहार वंश के महान योद्धा शासको के बारे में जिन्होंने अपनी मातृभूमि, प्रजा व राज्य के लिए सदैव ही न्यौछावर थे।
** प्रतिहार/परिहार वंश के महान राजा **
(1) राजा हरिश्चंद्र प्रतिहार
(2) राजा नागभट्ट प्रतिहार
(3) राजा यशोवर्धन प्रतिहार
(4) राजा वत्सराज प्रतिहार
(5) राजा नागभट्ट द्वितीय
(6) राजा मिहिरभोज प्रतिहार
(7) राजा महेन्द्रपाल प्रतिहार
(8) राजा महिपाल प्रतिहार
(9) राजा विनायकपाल प्रतिहार
(10) राजा महेन्द्रपाल द्वितीय
(11) राजा विजयपाल प्रतिहार
(12) राजा राज्यपाल प्रतिहार
(13) राजा त्रिलोचनपाल प्रतिहार
(14) राजा यशपाल प्रतिहार
(15) राजा वीरराजदेव प्रतिहार (नागौद राज्य के संस्थापक )
भाइयों ऐसे महान हिन्दू सम्राट मिहिरभोज प्रतिहार की जयंती आगामी 18 अक्टूबर 2019 को आ रही है आप सभी भाइयों से अनुरोध है की इस महापुरुष की जयंती पूरे भारतवर्ष में गाँव गांव में जरुर मनाये।।
अगर थोडा सा भी सनातन धर्म अनुयायी क्षत्रिय राजपूतों पर गौरव हो तो ज्यादा से ज्यादा इस पोस्ट को शेयर करें।।
#जय__मिहिरभोज।।
#जय_क्षात्र_धर्म।।
वर्ण – क्षत्रिय
राजवंश – प्रतिहार वंश
वंश – सूर्यवंशी
गोत्र – कौशिक/कश्यप/भारद्वाज (इनके जगह भाट, रायजी ज्यादा बेहतर बता पाएंगे)
वेद – यजुर्वेद
उपवेद – धनुर्वेद
गुरु – वशिष्ठ
कुलदेव – विष्णु भगवान
कुलदेवी – चामुण्डा देवी, गाजन माता
नदी – सरस्वती
तीर्थ – पुष्कर राज ( राजस्थान )
मंत्र – गायत्री
झंडा – केसरिया
निशान – लाल सूर्य
पशु – वाराह
नगाड़ा – रणजीत
अश्व – सरजीव
पूजन – खंड पूजन दशहरा
आदि गद्दी – माण्डव्य पुरम ( मण्डौर )
ज्येष्ठ गद्दी – बरमै राज्य नागौद
भारत मे प्रतिहार/परिहार राजपूतों की रियासत जो 1950 तक काबिज रही
नागौद रियासत – मध्यप्रदेश
अलीपुरा रियासत – मध्यप्रदेश
खनेती रियासत – हिमांचल प्रदेश
कुमारसैन रियासत – हिमांचल प्रदेश
मियागम स्टेट – गुजरात
उमेटा रियासत – गुजरात
एकलबारा रियासत – गुजरात
मुजपुर रियासत – गुजरात
प्रतिहार/परिहार वंश की वर्तमान स्थिति
भले ही यह विशाल प्रतिहार राजपूत साम्राज्य 15 वीं शताब्दी के बाद में छोटे छोटे राज्यों में सिमट कर बिखर हो गया हो लेकिन इस वंश के वंशज राजपूत आज भी इसी साम्राज्य की परिधि में मिलते हैँ।
आजादी के पहले भारत मे प्रतिहार राजपूतों के कई राज्य थे। जहां आज भी ये अच्छी संख्या में है।
मण्डौर, राजस्थान
जालौर, राजस्थान
माउंट आबू, राजस्थान
पाली, राजस्थान
बेलासर, राजस्थान
चुरु , राजस्थान
कन्नौज, उतर प्रदेश
हमीरपुर उत्तर प्रदेश
प्रतापगढ, उत्तर प्रदेश
झगरपुर, उत्तर प्रदेश
उरई, उत्तर प्रदेश
जालौन, उत्तर प्रदेश
इटावा , उत्तर प्रदेश
कानपुर, उत्तर प्रदेश
उन्नाव, उतर प्रदेश
उज्जैन, मध्य प्रदेश
चंदेरी, मध्य प्रदेश
ग्वालियर, मध्य प्रदेश
जिगनी, मध्य प्रदेश
झांसी, मध्य प्रदेश
अलीपुरा, मध्य प्रदेश
नागौद, मध्य प्रदेश
उचेहरा, मध्य प्रदेश
दमोह, मध्य प्रदेश
सिंगोरगढ़, मध्य प्रदेश
एकलबारा, गुजरात
मियागाम, गुजरात
कर्जन, गुजरात
काठियावाड़, गुजरात
उमेटा, गुजरात
दुधरेज, गुजरात
खनेती, हिमाचल प्रदेश
कुमहारसेन, हिमाचल प्रदेश
जम्मू , जम्मू कश्मीर
भाइयोंआइए अब जानते है प्रतिहार/परिहार वंश की शाखाओं के बारे में
भारत में परिहारों की 30 शाखा है। जो अभी तक की मेरी जानकारी मे है जिसमे इन शाखाओं की भी कई उप शाखाएँ है। जिससे आज प्रतिहार/परिहार वंश पूरे भारत वर्ष में फैल गये। भारत मे प्रतिहार क्षत्रिय राजपूत लगभग 3 हजार गांवो से भी ज्यादा जगह में निवास करते है।
प्रतिहार/परिहार क्षत्रिय राजपूत वंश की शाखाएँ
(1) डाभी प्रतिहार
(2) बडगुजर प्रतिहार (राघव)
(3) मडाड प्रतिहार और खडाड प्रतिहार
(4) इंदा प्रतिहार
(5) लल्लुरा / लूलावत प्रतिहार
(6) सूरा प्रतिहार
(7) रामेटा / रामावत प्रतिहार
(8) बुद्धखेलिया प्रतिहार
(9) खुखर प्रतिहार
(10) सोधया प्रतिहार
(11) चंद्र प्रतिहार
(13) माहप प्रतिहार
(14) धांधिल प्रतिहार
(15) सिंधुका प्रतिहार
(16) डोरणा प्रतिहार
(17) सुवराण प्रतिहार
(18) कलाहँस प्रतिहार
(19) देवल प्रतिहार
(20) खरल प्रतिहार
(21) चौनिया प्रतिहार
(22) झांगरा प्रतिहार
(23) बोथा प्रतिहार
(24) चोहिल प्रतिहार
(25) फलू प्रतिहार
(26) धांधिया प्रतिहार
(27) खखढ प्रतिहार
(28) सीधकां प्रतिहार
(29) कमाष / जेठवा प्रतिहार
(30) तखी प्रतिहार
ये सभी परिहार राजाओं अथवा परिहार ठाकुरों के नाम से बनी है। आइए अब जानते है प्रतिहार वंश के महान योद्धा शासको के बारे में जिन्होंने अपनी मातृभूमि, प्रजा व राज्य के लिए सदैव ही न्यौछावर थे।
** प्रतिहार/परिहार वंश के महान राजा **
(1) राजा हरिश्चंद्र प्रतिहार
(2) राजा नागभट्ट प्रतिहार
(3) राजा यशोवर्धन प्रतिहार
(4) राजा वत्सराज प्रतिहार
(5) राजा नागभट्ट द्वितीय
(6) राजा मिहिरभोज प्रतिहार
(7) राजा महेन्द्रपाल प्रतिहार
(8) राजा महिपाल प्रतिहार
(9) राजा विनायकपाल प्रतिहार
(10) राजा महेन्द्रपाल द्वितीय
(11) राजा विजयपाल प्रतिहार
(12) राजा राज्यपाल प्रतिहार
(13) राजा त्रिलोचनपाल प्रतिहार
(14) राजा यशपाल प्रतिहार
(15) राजा वीरराजदेव प्रतिहार (नागौद राज्य के संस्थापक )
भाइयों ऐसे महान हिन्दू सम्राट मिहिरभोज प्रतिहार की जयंती आगामी 18 अक्टूबर 2019 को आ रही है आप सभी भाइयों से अनुरोध है की इस महापुरुष की जयंती पूरे भारतवर्ष में गाँव गांव में जरुर मनाये।।
अगर थोडा सा भी सनातन धर्म अनुयायी क्षत्रिय राजपूतों पर गौरव हो तो ज्यादा से ज्यादा इस पोस्ट को शेयर करें।।
#जय__मिहिरभोज।।
#जय_क्षात्र_धर्म।।
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